😀😀आत्मन कक्षा का उदय😍😆
सावधान🙋
तो भाई लोगों और उनकी तथा मेरी बहनों...कान खोलकर कान और ध्यान दोनों से सुनो मारी बात.........
हम जिस कक्षा का परिचय देने जा रहें है वो कक्षा परिचय की मुहताज नहीं है मगर का करे मैं आदत से मजबूर हूँ और मारे दोस्त कबसे लगे हैं की भाई हमारे बारे में भी तनक कलम चला दो।।।।।
खैर!!!!!!जिस कक्षा के उदय की बात हम करने वाले हैं उसका आत्मन नाम करीब करीब 3 साल बाद रखा गया,,।।कैसे रखा गया इसके पीछे एक फिजूल एवं वाहियात स्टोरी है।।।।।।
तो बात यूँ शुरू हुयी की हम सब 12th की परीक्षा देकर घर को कट रहे थे....हमरी किलास के बेरोजगार लोगो को नई नोकरी मिल गई मतबल मोबाईल की वैयाव्रत्ती की..उसकी सेवा की....।
कुछ तो उसमें पहले से ही माहिर थे और कुछ जब उन चक्करों में पड़े तो वे भी माहिर हो गये,वो वाले चक्करों से मतलब चैटिंग वाले चक्कर.. (नोट-उन वाले चक्करों का गलत मतलब लेने पर आपको फेसबुक वाला ठेंगा)...
हमरी किलास के लोग उन दिनों बड़ा बेरोजगार फ्री फ्री महसूस कर रहे थे कि तभी हमारी किलास के लादेन कहलाने वाले भिया ने एक whatsapp पर ग्रुप बनाया...ग्रुप का नाम दिया """खतरनाक कक्षा"""" आगे चलके जिसका नाम आंग्ला भाषा में 'dangerous class' पड़ा।।।।।। क्यों रखा ये नाम इसकी चर्चा व्यक्तिगत रूप से अपेक्षित है😎😎😎😎😎
शास्री प्रथम वर्ष की हमने परीक्षा दी। हम कॉलेज का एक साल पूरा कर चुके थे।
उसके पश्चात हमें सुचना मिली की जिनकुमार जी भाईसाब की वापिसी हुयी।
उनने हमारी मीटिंग ली और प्रेरणा दी की अपनी किलास का एक ग्रुप बनाओ जिसमे अधीक्षक भी शामिल हों।।।।।। ग्रुप तो पहले से बना था तो हमारे ग्रुप के एडमिन साहब जो की हमारी किलास की तिकड़ी ग्रुप के लीडर हैं बक्स्वाहा वाले भाईसाब उनने हमें उस ग्रुप का एडमिन का कार्यभार सोंपा.....बड़ा सोचने के बाद हमने उसका नाम रखा """"""😍😍😍😍😍आत्मन कक्षा😎😎😎
इनकी pic अलग से इसलिए डाली क्योंकि ये उस समय हमारे साथ उपस्थित नहीं थी।।।।।।।।।।।
फिर क्या होना था हर जगह चल पड़ा नाम चाहे क्रिकेट हो या बैच का नाम सब जगह आत्मन आत्मन आत्मन🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏महान पर्सनालिटी वाले लोंडे भरे पड़े है हमारी किलास में,,एक से बड़कर कोई नहीं.
मगर हम जिससे भी रूबरू कराएँगे उससे आपको कुछ न कुछ सीखने की मिलेगा जलूल।
ये ऐसी किलास है जिसकी प्रशंसा हमारे महाविद्यालय के उपप्राचार्य भी कित्ती बार कर चुके हैं और एक बार तो........अब रहने दीजिये ज्यादा तारीफ हो जाएगी😂😇😇😎😎😎😎
हम सब के प्रिय जिनकुमार जी भाईसाब की यह बहुत ही प्रिय किलास है सभी तरह से..
क्रिकेट का इत्ता शौक है हमारी किलास को की अभी अभी दूसरा टूर्नामेंट जीती है
अगर आप ये कहदे की आज कॉलेज जाना है तो कोई भी रूम से निकलकर बालकनी में भी नहीं आयगा और क्रिकेट की हवा भी लगने दो...कहना नहीं पड़ता बस चलो यार किसी एक ने कहा,चलो तो"दूसरे ने कहा फिर का चलो तो फिर......
सभी अपनी अपनी मर्जी के मालिक है कोई किसी का करता धरता तक नहीं।
खैर,इस किलास में कई आदर्श विद्यार्थी भी मौजूद हैं अब अपने मुह से अपनी तारीफ कैसे करूँ
इत्ते महान आदमी हैं की इत्ती ठण्ड होने पर भी ठण्ड की झंड कर रखी है और सबेरे सबेरे नहा धोकर प्रवचन में पहुच जाते हैं😅😅😆😴😴😚☺☺☺💪💪❤️😋
तो भिया लोग ख़तम करने से पहले इसका उद्देश्य बता दूँ....
उद्देश्य मात्र इत्ता है की जो बड़ी बड़ी चीजे हम बड़े बड़े लोगो से सीखना चाहते है वही चीजे हम अपने दोस्तों से सीखकर बड़े हो सकते है....
जैसे लक्ष्य के प्रति समर्पित कैसे रहें..ब्ला ब्ला......
मेरी किलास के जितने भी विद्यार्थी हैं उनसे हम क्या सीख सकते हैं थ्योरी नहीं अनुभव से और क्या क्या गुण हमरे छोरों में छुपे है उनका ज्ञान भी हम आपको कराएँगे😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀
बाकि भूल चूक क्षमा बिलकुल मत करना आपकी यदि कोई भी आपत्ति हो तो कमेंट करके अपना गुस्सा निकाल सकते हैं आप के अधिकारों की रक्षा होगी।।।।। आपको जो लिखना हैं मारे को कमेंट करके बताएं।।
सोमिल जैन "सोमू"
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