बहुत दिन बाद वापिस आये हैं ब्लॉगिंग में, और अब दिल कह रहा है कि पीछे न मुड़ा जाए, जिस सीढ़ी पर चढ़कर तुम आगे बढ़े हो उसे भूला न जाये। ब्लॉग न लिखने की वजह यही है कि तरक्की ही कर रहे थे और वापिस भी बेहतरी के लिए आये हैं। बहुत पहले कुछ लिखा था जिसे नाम नहीं दे पाया था लेकिन अब इसे नाम देकर जारी कर रहा हूँ, पढियेगा🌻
दुनिया में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हर चीज़ से जल्दी लगाव हो जाता है और फिर जल्दी टूट भी जाते हैं वो लोग। ऐसे लोगों को आसान भाषा में इमोशनल फूल लोग कहते हैं।
ये फूल आपको कहीं भी मिल जायेंगे जो घण्टों किसी के रिप्लाई के इंतज़ार में बैठे रहेंगे और बार-बार उसकी प्रोफाइल पर आकर उसका अपडेट देखते रहेंगे।
जब तक स्टॉक कर रहे हो तब तक ठीक है मगर जब इसी चीज़ के लिए टाइम वेस्ट करने लगते हैं तब हम अपने लिए गड्ढा खोद रहे होते हैं। दुनिया का रूल है कोई भी आदत हो, छूट जाती है।
बहरहाल, ये चीजें जब हो रहीं होती हैं तब हमें मज़ा आता है। हमें लग नहीं रहा होता है कि हम वक्त बर्बाद कर रहे हैं मगर वक्त बीतने के बाद हमें पता चलता है कि हम महामूर्ख थे।
जब तक दोनों तरफ से कुछ है तब तक तो ठीक है क्योंकि एक तरफा सिर्फ फिल्मों में अच्छा लगता है। फीलिंग्स कभी एक सी नहीं रहती उनके चक्कर में इमोशनल फूल बनने का कोई फायदा नहीं क्योंकि आगे चलके उसे हम पा नहीं पाते तब रिग्रेट ही मिलता है।
~ सोमू
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