डियर पापा !
आपकी बहुत याद आती है
अब जो खुद को जिम्मेदार बनते देख रहे हैं
खुद से पहले अपनों की सोच रहे हैं
अब जब आप सम्हालने के लिए नहीं हैं
ऐसा लगता है कि हमारे ऊपर छत ही नहीं है
सारी प्रॉब्लम्स, सारी मुश्किलें सीधे आ रही हैं क्योंकि छत नहीं है, आप नहीं हैं।
डियर पापा
बहुत सुधर गया है आपका ऊधमी लड़का
अब किसी को परेशान नहीं करता बस चुप रहता है
अब आपको मुझसे तंग आकर मेरा काला मुंह नहीं कराना पड़ेगा।
बल्कि आप फक्र से कहेंगे ये मेरा बेटा है.....
आप कहेंगे कि हम तो सिर्फ किताबें पढ़ते थे, कभी लिखे नहीं
पर तमन्ना थी कि मेरी पहली किताब की पहली कॉपी आपको दू
और कहूँ कि अब आपको मेरा काला मुंह कराने की जरूरत नहीं है।।।
डियर पापा
गलत संगत में नहीं हूं, निश्चिंत रहना
लोग भरोसा करते हैं आपके बेटे पर
थोड़ी देर से समझ आती हैं चीजें पर कर लेते हैं
अब सुनते भी हैं सबकी और सॉरी भी कहते हैं
शायद अब हम बड़े हो गए हैं लेकिन
मुझे आपके साथ बड़ा होना था बाबा !
डियर पापा
याद आती है आपकी जब किसी का भरोसा जीतते हैं हम
जब कोई कहता है "बहुत बढ़िया सोमिल" तब याद आती है आपकी
जब कभी गलत राह पर जाने का मन करता है तब चपेट पड़ती है आपकी
और सामने आता है आपका चेहरा, और हमसे दूर होने की वजह
डियर पापा
अब ठीक हूँ, खुश हूं, जिम्मेदार हूँ, बढ़ रहा हूँ
वफादारी, ईमानदारी सब आपसे सीखी है
आपसे सीखा है डूबकर काम करना
बहुत कुछ सीखना था आपसे मगर सीख नहीं पाया
प्यार, सपोर्ट और अपनी छत को मिस करते बाबा
आपको मिस करते हैं बाबा
आपके जाने के बाद बहुत लोग मिले मुझे
जिन्होंने मुझे अपना समझा, अपना माना
जिन्होंने सहानुभूति नहीं दी बल्कि सहयोग किया
जिनने मेरा काम देखा, मेरी मेहनत देखी
आज आप होते तो गर्व महसूस करते
शायद रो भी देते है
क्योंकि जब रात का अंधेरा होता पूरी दुनिया सो जाती है
तब
आपकी बहुत याद आती है।
आखिर में बस यही कहना है पापा
मजबूर बने देखा है मजबूत बने देखा है।
हमने आपको अपने बच्चों के लिए मजदूर बने देखा है।
~ सोमू
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