कुछ लगा सीने में जो अजीब था
दर्द तब हुआ जब पता चला वो यार सबसे करीब था।
चन्द्र रुपयों की बात नहीं थी मेरे दोस्त वो तो टुकड़े थे कागज के
आंसू तो तब निकले जब उसी ने कहा की तेरे पर भरोसा नहीं था।
कुछ दोस्त थे पर तू उसमे सबसे पहले नम्बर पर था जिसके लिए अपने घर का मुहँ भी देख लेता था।
लेकिन अब सोचना पड़ेगा की घर जाऊ या न जाऊ क्योकि अब साला कोई नही बेठा इंतजार में।
कोई बात नहीं।
कुछ दिन की बात थी
अब न में नज़र आऊंगा न तुझे नज़रे चुरानी पड़ेगी।
न राखी न होली न दीवाली चहरा तक नज़र नही आयेगा।।
@@@@@@@
भुल जाना उस दिन की गलती को माफ़ करना मुझे और हा वादा है मेरा अब तेरे सामने कभी नही आऊंगा।।&&&&&*
Somiljaine somu
Saturday, August 20, 2022
दोस्त
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