दुनिया में आज रिश्तों की पकड़ ढीली पड़ती जा रही है। आज रिश्ते ऐसे टूट रहे हैं जैसे धागा....।।।। कमी है एक दूसरे को न समझने की...आज कोई. सही समझ समझना ही नहीं चाहता।।।।।।।।।।।।।। आज एक लड़का मिला,शायद उसका कोई नहीं था इस दुनिया में,उसे देखकर समझ आया की अपने क्या होते हैं रिश्तो की क्या अहमियत है ..........।।।
उन रिश्तों से बहुत लगाव सा हो गया है जो सिर्फ कुछ पल के लिए जुड़े थे..जो बिना अपेक्षा के हमें याद करतें है जो सुबह सुबह हमें संदेश भेजते हैं और मैं भी good morning aunty कहकर मुस्कुरा लेता हूँ।।।।।
एक अजीब सा अहसास होता है जब कोई हमें भी वेवजह याद कर लेते हैं।।।
आज तक समझ नहीं आया ये रिश्ते बनतें कैसे हैं??????????????????????????????
अब जानना भी नहीं चाहता,,,,
जैसे भी बनतें हैं बनतें होंगे,,,,,लेकिन बडे़ अच्छे और खूबसूरत होते हैं वेवजह वजह ढूंड़ लेते हैं याद करने की।।।
इनसें मैं दूर भी नहीं जाना चाहता, इन्हें खोना भी नहीं चाहता,मैं इनके साथ जीना चाहता हूँ।।।।
क्योंकि ये अपनें अपनों से भी बड़े होते हैं
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